जिस क्लॉस रूम में सुबह पढ़ती, शाम को छुट्टी के बाद वहीं होता रहा रेप… कहानी हाई प्रोफाइल गैंगरेप की

रात के समय मां-बाप अपनी 16 साल की नाबालिग बेटी के साथ अचानक थाने में पहुंचते हैं. लड़की की हालत काफी खराब थी और वह सही से बोल पाने की स्थिति में भी नहीं थी. मामला यूपी के चित्रकूट का है, और ये लड़की एक स्कूल में 10वीं की छात्रा थी. मां ने पुलिस को जो बताया वह काफी चौंकाने वाला था.

थाने में मौजूद थानाप्रभारी को मां ने बताया, “शाम को मैं किचन में खाना बना रही थी, तभी बेटी के रोने की आवाज आने लगी. वह बिस्तर से नीचे फर्श पर कराह रही थी. मैंने सोचा कि बेटी को लड़कियों वाली आम दिक्कत हो रही होगी, लेकिन ऐसा नहीं था.” मां के काफी पूछने के बाद उसने बुरी तरह रोने के बाद जो बताया, उससे मां के पैरों के नीचे से भी जमीन खिसक गई.

टीचर से लेकर प्रिंसिपल सभी बने हैवान
लड़की ने बताया कि छुट्टी के बाद मेरे टीचर इरशाद सर मुझे एक्स्ट्रा क्लॉस के बहाने रोक लिया करते थे. जब पूरी क्लॉस खाली रहती तो वह मेरे साथ गंदा काम करते. उन्होंने 2 महीने तक मेरे साथ यह हरकत की. उनके बाद मोइन सर और फिर आदित्य सर भी मेरे साथ यह काम करने लगे. मां ने थाना प्रभारी को बताया कि इसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल समेत सभी लोगों ने मेरे साथ बार-बार दुष्कर्म किया. हालांकि पुलिसकर्मी को यह बात हजम नहीं हो रही थी, उसने तहरीर देने और मामले की जांच करने की बात कही, लेकिन उस दिन एफआईआर नहीं लिखी गई.

26 जुलाई 2023 को अगले दिन फिर मां-बाप को बुलाया गया. लड़की की मां ने कहा कि जब हम तहरीर लिखवा रहे थे तो पुलिस बार-बार कह रही थी कि जिसने भी यह गंदा काम किया है, उसको कड़ी सजा मिलेगी, लेकिन इससे प्रिंसिपल का नाम हटा दीजिए. वहां पर बीजेपी का एक स्थानीय नेता बैठा हुआ था और वह प्रिंसिपल का बेहद खास है.

वह भी प्रिंसिपल का नाम हटाने की बात करता रहा. वहां की एसपी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार से बात करते हुए जांच के लिए एक स्पेशल टीम गठित कर दी. उन्होंने टीम को आदेश दिया कि इसकी गहराई और जल्द से जल्द जांच की जाए. इसके बाद लड़की को मेडिकल के लिए भेजा गया.

कैसे शुरू हुई पीड़िता को शिकार बनाने की कहानी
लड़की ने अपने बयान में बताया कि मामला जुलाई 2022 का है, जब परिवार ने उसका एडमिशन यहां पर 9वीं कक्षा में कराया था. दो महीने तक सबकुछ ठीक था, लेकिन फिर विज्ञान के टीचर इरशाद ने उसके करीब आना शुरू कर दिया. बच्ची ने बताया कि वह प्रोजेक्ट वर्क पूरा कराने के बाद भी रोकते थे और ऊपर सबसे किनारे वाली क्लॉस में ले जाते थे. वहां पर ना सीसीटीवी कैमरा लगा है और ना ही कोई आता था.

लड़की ने बात अपने घरवालों को बताने की बात कही तो उसने उसका वीडियो वायरल कर देने की धमकी दी और उसके साथ गंदा काम करता रहा. इसके बाद मोइन सर, आदित्य सर और प्रिंसिपल भी गंदा काम करते रहे. विरोध करने पर मेरा नाम स्कूल से काट देने की धमकी भी देते रहे.

पुलिस को दिए बयान में लड़की ने बताया कि दुष्कर्म करने के बाद वह मुझे पिछले गेट से भेज देते थे, क्योंकि वहां पर चहल-पहल कम होती थी. मैं गर्भवती ना हो जाऊं, इसलिए प्रिंसिपल सर मुझे मानिकपुर सीएससी से लेकर गर्भनिरोधक गोलियां खिलवाते थे, जिनको खाने की वजह से मेरी तबीयत बिगड़ने लगी और पेट में दर्द होने लगा. अचानक तकलीफ बढ़ी और मेरी मम्मी के बार-बार पूछने के बाद मैंने उनको पूरी बात बता दी.

मेडिकल जांच में पता चला कि बच्ची की पेट और यूटिरस में सूजन है, जोकि काफी ज्यादा गर्भनिरोधक गोलियां खाने की वजह से हुआ है. एसपी ने भी गैंगरेप की पुष्टि की और चार लोगों को इसमें गिरफ्तार करने की पुष्टि भी कर की. इनमें तीन तो वहीं टीचर थे जिनका जिक्र लड़की ने किया था, लेकिन चौथा पीड़िता की बुआ का लड़का ओमप्रकाश निकला.

ओमप्रकाश का क्या कनेक्शन
पीड़िता के परिवार ने बताया कि पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार नहीं किया, जबकि उसके बुआ के लड़के फंसाया गया है. यहीं नहीं पीड़िता ने जिस आदित्य का नाम लिया था, उसकी जगह किसी दूसरे आदित्य को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. पुलिस सीसीटीवी की जांच में लगी हुई है और आरोपियों से भी पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि उसने लोकशन की जांच के बाद पता चला है उसकी बुआ का लड़का ओमप्रकाश उस जगह पर मौजूद था, जिस जगह का जिक्र लड़की कर रही है यानी उसने अपनी ममेरी बहन के साथ बार-बार दुष्कर्म किया था.

प्रिंसिपल को लेकर पुलिस का कहना है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं, जैसे ही सबूत मिलेगी, हम उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे, लेकिन पीड़ित परिवार इस बात पर अड़ा हुआ है कि अगर सभी आरोपी नहीं पकड़े जाते तो वह पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेगा. हालांकि इस मामले में प्रिंसिपल भी सामने आए और उन्होंने कहा कि मेरे स्कूल में 2200 बच्चे पढ़ते हैं. अगर पुलिस चाहे तो मेरा नॉर्को टेस्ट करा ले.

पुलिस से स्कूल में उसकी क्लॉस में पढ़ने वाली लड़कियां कहती है कि उसने हमें कोई बात नहीं बताई थी. एसपी से जब पूछा गया कि जब पीड़िता कह रही है कि उसके प्रिंसिपल अस्पताल लेकर उसे जाते थे तो क्या वहां से पुष्टि की गई. उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है और एसआईटी की जांच जारी है.

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